संस्था का परिचय
अग्रहरि समाज विकास सेवा संस्था का इतिहास
माया नगरी मुंबई जहां हर दिन हजारों लोग अपनी आंखों में अपने भविष्य के सपने संजोये बड़ी आशा और विश्वास के साथ देश की आर्थिक राजधानी में अपने भविष्य की तलाश मे आते हैं,, इसी माया नगरी में हमारे अग्रहरि समाज के हजारों परिवार भी निवास करते हैं,, जिनकी दिनचर्या सुबह अपना अपना व्यवसाय करना और शाम को थक कर सो जाना,,, यहां के शासन प्रशासन और यहां की राजनीति,, इनके दुख तकलीफ इनकी जरूरते,, मात्र सोचने भर की थी,,, उसे कार्य रूप देने के लिए कोई आगे नहीं बढ़ पा रहा था,, ऐसे में श्री हीरालाल बड़कू गुप्ता जी ने विचार किया कि यदि मुंबई में बसे अग्रहरि परिवारों को हम कोई एक उचित मंच देकर के उनकी आवाज बने और अपने समाज के बंधुओ की किसी भी प्रकार से मदद कर सकें,, तो शायद हमारे समाज को भी लोग यहां पर जानने लगेगे,,
ऐसा विचार कर उन्होंने अपने बड़े भाई श्री मोतीलाल बड़कू गुप्ता के बड़े सुपुत्र श्री बंकेश गुप्ता जी ,,अपने मित्र रमेश रामदास गुप्ता जी,, अपने बड़े पुत्र श्री राजेश हीरालाल गुप्ता जी वह कुछ अन्य स्वाजातिय बंधु जिसमें श्री रामफेर अग्रहरि जी, विनोद गुप्ता जी, बलदेव गुप्ता जी, श्याम शंकर गुप्ता जी, गणपत गुप्ता जी से संपर्क करके उन्हें अपने हृदय की बात बताई और उनके इन बातों से उनके विचारों से एक संस्था बनाने का निर्णय लिया गया और संस्था का नाम रखा गया "अग्रहरि समाज विकास सेवा संस्था मुंबई नवी मुंबई",,,,, मुंबई नवी मुंबई इसलिए रखा गया की दोनों ही शहरों मे अग्रहरि परिवार बहुतायत पाए जाते हैं,, और उसके बाद संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया गया और फिर कुछ अन्य पदाधिकारी की भी नियुक्ति की गई जिसमें श्री मुन्नालाल जी गुप्ता, श्री महेश गुप्ता, श्री रोशन गुप्ता, श्रीदेवी शंकर अग्रहरी, श्री राकेश महादेव वैश्य ,श्री एसपी अग्रहरी, श्री शंकर राम प्रसाद गुप्ता, श्री बजरंग गुप्ता आदि प्रमुख थे।
इस तरह इस पहली कमेटी में संस्था में संस्थापक के साथ अध्यक्ष के रूप में श्री हीरालाल बडकू गुप्ता जी, उपाध्यक्ष श्री रमेश रामदास गुप्ता जी, महामंत्री श्री बंकेश गुप्ता जी, कोषाध्यक्ष श्री रामफेर बद्री प्रसाद अग्रहरी जी,सह सचिव श्री गणपत गुप्ता जी, सदस्य के रूप में श्री राजेश हीरालाल गुप्ता जी, श्री विनोद गुप्ता जी, श्री बलदेव गुप्ता जी, श्री श्याम शंकर गुप्ता जी, श्री रोशन बैजनाथ जी, श्री बजरंग गुप्ता जी, श्री राकेश महादेव वैश्य जी,श्री शंकर राम प्रसाद जी, और मीडिया प्रभारी के रूप में एस पी अग्रहरी आदि शामिल किए गए।
14 जनवरी 2004 को वाशी में इस संस्था का उद्घाटन करने के लिए एक सभा का आयोजन किया गया जिसमें मुंबई और नवी मुंबई के कोने-कोने से लोग आए इतना ही नहीं मुंबई से बाहर जबलपुर के भी कुछ अग्रहरि बिरादरी इस कार्यक्रम में शामिल हुए,,,, उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित स्वजातीय बंधुओं को संस्था के निर्माण का कारण और संस्था के द्वारा किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताया गया जिसका सभी लोगों ने समर्थन किया और सहयोग देने का विश्वास दिया ,,, लोग इस संस्था से तन मन धन से जुड़ने लगे शुरुआत में श्री कमलेश खार, कन्हैया लाल दादर का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ फिर हम अपने कार्य के दायरे को बढ़ाते हुए दादर, वासी,सायन कोलीवाडा में संस्था की शाखाओं का गठन किया इन शाखाओं के अंतर्गत कई सामाजिक धार्मिक और समाज हित के कई आयोजन किए गए,, अब तक हमारी संस्था द्वारा किए गए कार्य और उनके कुशल नेतृत्व की चर्चा पूरे देश में होने लगी संस्था द्वारा किए हुए सामाजिक कार्यों एवं कार्यक्रमों की खूब सराहना होती थी परिणाम स्वरुप 2014 में अखिल भारतीय अग्रहरि समाज संगठन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी समारोह की मेजबानी हमारी संस्था अग्रहरि समाज विकास सेवा संस्था मुंबई नवी मुंबई को मिली इस जिम्मेदारी को हमारी संस्था ने बड़ी ही कुशलता के साथ बड़े भव्य पैमाने पर नवी मुंबई के घणसोली इलाके में एक विशाल कार्यक्रम को संपन्न करने के लिए तन मन धन से जुट गए इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से सैकड़ो संस्थाओं के पदाधिकारी और हजारों की संख्या में अग्रहरि बंधु पधारे और कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया ,,,शताब्दी समारोह के सफल आयोजन एवं शानदार नेतृत्व और इसकी भव्यता की पूरे देश में प्रशंसा हुई इस कार्यक्रम में प्रयागराज के सांसद श्यामा चरण गुप्ता जी, तत्कालीन अखिल भारतीय अग्रहरि समाज के अध्यक्ष शिवकुमार अग्रहरि ,उत्तर प्रदेश राज्य के कैबिनेट मंत्री श्री राधेश्याम अग्रहरि फतेहपुर, श्री राम जी प्रयागराज, श्री शंकर लाल जी, नेपाल से श्री सीताराम जी के साथ देश की जानी-मानी अग्रहरि समाज की हस्तियां मौजूद थी ,,इस कार्यक्रम में हमारे स्थानीय सांसद श्री संजीव नाईक जी, विधायक श्री गणेश नाईक जी ,विधायक श्री संदीप नाईक जी, एपीएमसी के संचालक श्री शंकर सेठ पिंगले आदि सभी लोग इस कार्यक्रम में पधारे इस कार्यक्रम में श्री शंकर सेठ पिंगले ने तन मन धन से विशेष सहयोग दिया।
मुंबई अग्रहरि समाज की एकजुटता और समाज के प्रति समर्पण की भावना को देखते हुए तत्कालीन 18वीं अखिल भारतीय कार्य समिति का कार्यकाल पूरा होने के बाद 19वीं कार्य समिति के गठन मे हमारी संस्था के पदाधिकारी श्री राजेश हीरालाल गुप्ता जी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाया गया ,,,यह पद प्राप्त करने के बाद राजेश जी ने हमारी संस्था का गौरव बढ़ाया राजेश जी ने अपने कार्यकाल में पूरे देश का भ्रमण किया और पूरे देश के अग्रहरि बंधुवो को एकत्रित करके उनमें जन चेतना का कार्य किया उनके अथक प्रयासों से समाज में अनेक कार्यक्रम जो समाज हित के लिए थे उनको आयोजित किए गए।
अग्रहरि समाज विकास सेवा संस्था ने भी इस कार्य में बढ़कर हिस्सा लिया,,, संस्था के गठन वर्ष 2004 के बाद से अब तक इस संस्था ने समाज उत्थान के लिए बहुत कार्य किया है ,देश के अंतिम छोर तक समाज की हर व्यक्ति को समान रूप से जोड़ा और समाज को मजबूती दिया,,, संस्था ने अपने समाज के युवाओं को संस्था से जोड़ा ,,मातृशक्ति को मजबूत किया,,, युवा पीढ़ी को समाज के प्रति उनके कर्तव्यों को समझाया,, संस्था ने अपने समाज के जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहायता की ,,सर्व समाज के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम चलाए गए जिसमें मुफ्त चिकित्सा शिवर ,रक्तदान शिविर, कैरियर गाइडेंस कार्यशाला, समाज के लोगों को जोड़ने के लिए परिचय सम्मेलन और समय-समय पर तमाम तरह के सामाजिक कार्यक्रमों को करके अपने समाज के लोगों को एक मंच दिया आज मुंबई और नई मुंबई में अग्रहरि समाज को लोग जानने लगे उनकी एक अलग पहचान बनी,, इस संस्था ने जो मजबूत स्तंभ अपने निर्माण के लिए खड़े किए थे उनमें से कुछ स्तंभों को समय के क्रूर हाथों ने हमसे असमय ही छीन लिया जिसमें सर्वप्रथम श्री रामफेर बद्री प्रसाद जी फिर उसके बाद श्री राकेश महादेव जी हम सब को छोड़कर चले गए,,, इस संस्था के रंगरूप देने वाले ,,,इस संस्था को अपने हाथों से सजाने वाले हमारे अग्रहरि समाज के हीरक हस्ताक्षर,, संगठन शिल्पी हमारे संस्थापक श्री हीरालाल बड़कू गुप्ता जी भी अचानक हम सबको छोड़ कर चले गए ऐसे में उनके बड़े पुत्र श्री राजेश हीरालाल गुप्ता जी ने संस्था के सुचारू रूप से संचालन हेतु अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण कमेटी के सामने रखा हमारे संस्थापक जी का एक सपना था की मुंबई में भी अपने समाज का एक भवन हो और उनके अधूरे स्वप्न को साकार करने हेतु हम सभी ने महाराष्ट्र शासन में प्लॉट प्राप्त करने के लिए आवेदन कर दिया है और सारे पेपर भी जमा कर दिए हैं आने वाले कुछ वर्षों में सरकार से हमें अपने समाज के लिए सरकारी रेट में प्लॉट प्राप्त होने की आशा है और आप सभी का सहयोग बना रहा तो यह कार्य अति शीघ्र पूर्ण हो जाएगा।
संस्थापक का परिचय
कुशल शासकों,एवं नायको की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिंतन कालजयी होता है और युग-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। ऐसे नायको से न केवल समाज, जनता ,बल्कि सभ्यता और संस्कृति भी समृद्ध और शक्तिशाली बनती है। ऐसे नायकों की दृष्टि
में सर्वोपरि हित सत्ता का न होकर समाज एवं मानवता होता है।
ऐसे ही महान व्यक्तित्व थे स्व.श्री हीरालाल बड़कू गुप्त जी। वे कर्मयोगी लोकनायक तो थे ही, संतुलित एवं आदर्श समाजवादी व्यवस्था के निर्माता भी थे। वे हमारे समाज के प्रणेता, संगठन के संस्थापक, व शांति के दूत थे। सचमुच उनका युग हमारे मुंबई अग्रहरि समाज की एक साकार संरचना थी
जिसमें उन्होंने अपने आदर्श जीवन-कर्म से, सकल मानव समाज को महानता का जीवन-पथ दर्शाया। उस युग में न लोग बुरे थे, न विचार बुरे थे और न कर्म बुरे थे। वै लोगो के विश्वास जुड़े थे। वे एक प्रकाश-स्तंभ थे, अपने समय के सूर्य थे।
आज उनको अपना नश्वर शरीर त्यागे हुये दो साल बीत गया।
श्री हीरालाल बड़कू अग्रहरि जी भी इसी कोटि की एक महान विभूति है,
इनका जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद रायबरेली की सलोन तहसील के अंतर्गत कपूरीपुर गांव में 18 अगस्त 1945 को श्री रामनारायण अग्रहरि उर्फ बड़कू एवं माता श्रीमती देवकली के घर हुआ था, तीन भाई क्रमशः जवाहरलाल ,मोतीलाल, हीरालाल और तीन बहनों में यह सबसे छोटे थे....
पारिवारिक आवश्यकताओं और आभावों को देखते हुए इन्होंने सन 1970 मे महाराष्ट्र कि मुंबई को अपनी कर्मभूमि बनाई, और अपनी मेहनत के बल पर इन्होंने आर्थिक तौर पर सफलता के नए आयाम स्थापित किए... जीवन के प्रति स्वस्थ दृष्टिकोण तथा कर्म शक्ति में अटूट विश्वास रखने वाले
श्री हीरालाल बड़कू अग्रहरि का नाम हमारे अग्रहरि समाज के ध्रुव तारे के समान है ,आप की मधुर वाणी में एक अद्भुत सम्मोहन था, बड़ों के प्रति असीम श्रद्धा ,सम वयस्कों के प्रति प्रेम और छोटों के प्रति स्नेह आशीर्वाद आपके व्यक्तित्व की सहज विशेषता थी।
अपने नाम के अनुरूप दया ,दान शीलता ,सहनशीलता ,नैतिकता, सत्य निष्ठा, त्याग ,साहस ,दृढ़ संकल्प ,मैत्री ,सहयोग भाव इन सभी गुणों की उपस्थिति इनके महान व्यक्तित्व को दर्शाती है।